कोहलर का अन्तर्दृष्टि या सूझ का सिद्धांत (Insight theory of learning)
इस सिद्धांत(theory) अन्य नाम:-
- अंतर्दृष्टि का सिद्धांत
- Insight theory
- सूझ का सिद्धांत
- समग्रावाद का सिद्धांत
- गेस्टाल्ट का सिद्धांत
- gestalt theory of learning
- पूर्णाकारवाद का सिद्धांत
- साहचर्यवाद का सिद्धांत
- सम्पूर्णवाद का सिद्धांत
प्रवर्तक/जनक:- मैक्स वर्थीमर (Max Wertheimer)
प्रयोगकर्ता:- वॉल्फ गैंग कोहलर (Kohler)
सिद्धांत प्रस्तुतकर्ता:- कोफ्का (Koffka)
- यह सिद्धांत गेस्टाल्टवादी/संज्ञानवादी (Gestalt's) विचारधारा से संबंधित है।
- गेस्टाल्ट/संज्ञान (Gestalt) अर्थ होता है समग्र /पूर्ण (whole).
- 1912 ई0 में मैक्स वर्थीमर (Max Wertheimer) ने थार्नडाइक के श्रुटि एवं प्रयास का सिद्धान्त का खंडन (Rebuttal) किया।
कोहलर का प्रयोग:-
- कोहलर ने अपना प्रयोग सुल्तान नामक चिम्पांजी पर किया।
- कुल 6 चिम्पांजी (Chimpanzee) पर अपना प्रयोग किये।
पहला प्रयोग
- कोहलर ने एक बंद पिंजरे में चिंपांजी (Chimpanzee) को भूखा रखा।
- पिंजरे की छत पर कुछ केले बांध दिए।
- पिंजरे में तीन बॉक्स रखे दिए।
- केलों तक पहुंचना चिंपांजी के लिए असंभव था।
- केलों को देखकर चिंपांजी में उत्तेजना उत्पन्न होने लगी।
- केलों को प्राप्त करने का भरपूर प्रयास किया पर वह असफल रहा।
- कुछ देर के बाद चिंपांजी को कुछ सूझा और उसने एक बॉक्स को रखकर उस पर चढ़कर उछला पर केले तक नहीं पहुंच पाया।
- कुछ देर बाद उसने दूसरा बॉक्स, पहले बॉक्स के ऊपर रखा और उस पर चढ़कर कोशिश की पर इस बार भी वह असफल रहा।
- फिर उसने तीसरा बॉक्स उन बॉक्स के ऊपर रखा और चढ़ा इस बार उन्हें केले प्राप्त हो गया।
दूसरा प्रयोग
- सुल्तान नामक चिंपांजी को एक पिंजरे में बंद किया।
- पिंजरे के बाहर कुछ केले रख दिए।
- चिंपांजी को केले स्पष्ट दिखाई दे रहे थे।
- चिंपांजी भूखा था, केले को देख कर उत्तेजित हो गया।
- वह केला तक नहीं पहुंच पा रहा था।
- पिंजरे के अंदर दो छड़ियां थी जो जुड़ कर एक छड़ी बन जाती थी। ये बात सुल्तान को नहीं पता थी।
- उसने पहली बार केवल एक ही छड़ी की मदद से केले को पाने की कोशिश की पर छड़ी केले तक नहीं पहुंच पाई।
- कुछ देर के बाद सुल्तान दोनों छड़ियों को जोड़ने का प्रयास करने लगा।
- सुल्तान छड़ियां जोड़ने में सफल हो गया और उसने छड़ी की मदद से केले प्राप्त कर लिये।
- इस प्रकार सुल्तान ने अपने अन्तर्दृष्टि की सहायता से अपना समस्या हल कर लिया।
गेस्टाल्टवादीयों/संज्ञानवादीयों के अनुसार अधिगम प्रक्रिया:-
(i) पूर्व ज्ञान (पुराना अनुभव/Experience)
↓
(ii) सूझ (अचानक प्राप्त ज्ञान/ Insight)
↓
(iii) आह अनुभव (अकस्मात होने वाला अनुभव/ Aah Moment)
↓
(iv) व्यवहार में परिवर्तन (अधिगम/ Learning)
गेस्टाल्टवादीयों/संज्ञानवादीयों के अनुसार:-
- अधिगम त्रुटि एवं प्रयास से नहीं होता है।
- अधिगम पूर्णाकार (Whole) होता है।
- आदत डलवाना ही अधिगम नहीं होता / अधिगम संज्ञानात्मक (Cognitive) होता है।
- अधिगम सूझ पर आधारित (अचानक) होता है।
- अधिगम पूर्व ज्ञान तथा नवीन अनुभव पर आधारित होता है।
- प्राणी/बालक के सामने पूरी समस्या को रखा जाता है।
- दिमाग खाली नहीं है, सोचकर समस्या समाधान होता है।
- आह अनुभव (Eureka Moment) के आधार पर अधिगम होता है।
इन्हें भी पढ़ें:-
- कर्ट लेविन का क्षेत्रवादी अधिगम सिद्धांत (Field Theory of Kurt Lewin)
- अधिगम के सिद्धांत (Theories of Learning)
- थार्नडाइक का श्रुटि एवं प्रयास का सिद्धान्त (Thorndike's Trial and Error Theory)
- स्किनर का क्रिया प्रसूत अनुबंधन सिद्धांत (Operant Conditioning)
- पॉवलाव का शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत (Pavlov's theory of Classical Conditioning)
- C L हल का पुनर्वलन का सिद्धांत (C L Hull’s Reinforcement Theory)
- सिग्मंड फ्रायड का मनोलैंगिक विकास सिद्धांत (Sigmund Freud's theory of Psychosexual Development)
- अल्बर्ट बंडूरा का प्रेक्षणीय सिद्धांत (Albert Bandura's Modeling Theory)
- रॉबर्ट गैने द्वारा दिये गये अधिगम के प्रकार (Types of Learning by Robert Gagne)
- अधिगम (Learning)
- वृद्धि एवं विकास
- संज्ञानात्मक विकास (Cognitive Development)
- बुद्धि ( Intelligence)