विकास (Development)

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विकास का अर्थ (Meaning of Development):-

  • निरन्तर चलने वाली, व्यवस्थित (Orderly ), पूर्वकथनिय (Predictable) प्रक्रिया।
  • गर्भावस्था से जीवनपर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है। (गर्भ से कब्र तक)
  • गुणात्मक (Qualitative) तथा मात्रात्मक (Quantity) दोनो है।
  • प्रकार्यात्मक (Functional) परीवर्तन भी विकास का हिस्सा हैं।
  • वृद्धि, (Growth) तथा क्षयन (Decline) भी विकास है।
  • वृद्धि (Growth), परिपक्वता (Maturation), अभिवृद्धि विकास का ही हिस्सा है।
  • विकास Multidirectional (बहु दिशिय) है।
  • विकास पर समय का प्रभाव पड़ता है।




विकास के पक्ष:-

  1. शारिरिक पक्ष (Physical)
  2. संज्ञानात्मक पक्ष (Cognitive)
  3. सामाजिक-सांवेगिक पक्ष (Socio-Emotional)

 इन्हें PCSE भी कहा जाता है

 

(1). शारिरिक विकास (Physical Development):-

  • इसे गत्यात्मक विकास (Motor Development) भी कहा जाता है।
  • इसमें गति करने की क्षमता आती है।
  • शरीर में Speed आती है।
  • शरीर पर Control आता है।

शारीरिक विकास या गत्यात्मक विकास दो प्रकार का होता है।

(a). स्थूल गत्यात्मक कौशल (Cross Motor skills):-

  • इसमें बड़ी मांसपेशियों का उपयोग होता है। जैसे- टाँगेवाहें आदि।
  • दौड़नाकूदना आदि स्थूल कौशल हैं।


(b). शूक्ष्म गत्यात्मक कौशल (Fine Motor Skills):-

  • इसमें छोटी मांसपेशियों का उपयोग होता है। जैसे- अंगुली आदि।
  • लिखनापेंटिंग आदि शूक्ष्म कौशल हैं।

 

(2). सज्ञानात्मक विकास Cognitive Development):-

  •  संज्ञान(Cognition) वह मानसिक प्रकिया जो ज्ञान का निर्माण करने की चेष्टा रखती है, उसे संज्ञान या अनुभूति कहते हैं।
  • सोचनातर्क करनासमस्या समाधानकल्पना करना आदि सज्ञानात्मक विकास आते हैं।
  • इससे भाषा विकास भी जुड़ा है।

संज्ञानात्मक विकास के प्रमुख सिद्धांत:-

  1. पियाजे का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत (Piaget's Cognitive Development)
  2. वाइगोत्सकी का संज्ञानात्मकसमाजिकसांस्कृतिक सिद्धान्त (Vygotsky’s Socio-Cultural Approach)


(3). सामाजिक एवं सांवेगिक विकास:-

  • समाज मे रहकर विकास करना।
  • मनुष्य सामाजिक प्राणी है।
  • संवेग का विकास।
  • नैतिक विकास जुड़ा है।

 



 

विकास को प्रभावित करने वाले कारक:-

(1). आनुवांशिक कारक:- माता-पिता के जीन (Genes) तथा बच्चे का लिंग आदि विकास को प्रभावित करते हैं

(2). जैविक कारक:- बच्चे के आस पास का प्राकृतिक वातावरण बच्चे के विकास को प्रभावित करता है जैसे- पोषण, स्वास्थ्य, भौगोलिक कारक, जलवायु, आदि

(3). सामाजिक कारक:- बच्चा जिस समाज में रहता है वह समाज भी बच्चे के विकास को प्रभावित करता है। जैसे- स्कूल, लाइब्रेरी, खेल का मैदान, परिवार, मित्र आदि।


(4). बौद्धिक कारक:- बच्चे का बुद्धि स्तर IQ level भी बच्चे को प्रभावित करता है




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1 टिप्पणी

  1. Bahut badiya
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